Is Jesus God| क्या यीशु परमेश्वर है?
इन दिनों सोशल मीडिया इस सवाल को खूब तूल दे रहा है Is Jesus God (क्या यीशु परमेश्वर है) आलोचकों का एक बड़ा दावा यह है कि! यीशु कोई परमेश्वर नहीं है। आलोचकों का दावा है कि मसीहयों ने ही यीशु को परमेश्वर बना दिया। कई लोग यीशु के बारे में तरह-तरह की बातें कहते हैं, जैसेकी यीशु एक भविष्यवक्ता,अच्छे शिक्षक, काल्पनिक व्यक्ति, अच्छे इंसान, एक बुद्धिमान व्यक्ति, यीशु केवल परमेश्वर का पुत्र था। आलोचकों की समस्या समझ में आती है, क्योंकि बाइबल कहती है कि पवित्र आत्मा के बिना परमेश्वर की आध्यात्मिकता को नहीं समझा जा सकता। जब समझ नहीं आएगा तो चिल्लाओगे, फिर वह अपने धर्म को ही सर्वश्रेष्ठ मानने लगेगी, इसके अलावा वह कर भी क्या सकता है! कई आलोचकों ने यीशु की दिव्यता पर बहस करने शुरू कर देती है। बहस करते समय, वह लोग अपने फायदे के लिए बाइबल की कुछ बचन प्रयोग करते हैं।
यदि कोई मसीही विश्वास में कमज़ोर है, और समालोचकों का वह वचन देखना शुरू करेंगे तो वह मसीही चौंक जाता है। और सोचने लगता है, हाँ, बाइबल में यही लिखा है। अब प्रश्न यह है कि अधिकांश लोग यीशु को परमेश्वर मानने से इनकार करते हैं। यीशु को परमेश्वर ना मानना, यह प्रश्न मन में आना स्वाभाविक है, लेकिन क्या यीशु सच में परमेश्वर था? (Is Jesus God) इस बारे में हम बाइबल से जानेंगे। हाँ, यीशु परमेश्वर था। इस बिंदु को स्पष्ट करने के लिए, आइए बाइबिल की एक घटना को देखें, जो साबित करती है कि यीशु परमेश्वर था।
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Jesus and the Samaritan woman (यीशु और सामरी स्त्री)
एक दिन क्या हुआ! जब यीशु सामरिया स्त्री से बातें कर रहे थे। तब यीशु उस स्त्री को, जो उसके लाइफ में हो रहा था सब कुछ बता रहा था। सामरी स्त्री यह सुनकर आश्चर्यचकित हो गई। तब स्त्री कहती है मैं देखती हूं कि तुम भविष्यवक्ता हो। यीशु के साथ बातचीत करने के दौरान, स्त्री ने परमेश्वर की आराधना के बारे में जिक्र किया। यीशु ने महिला को आराधना के बारे में विस्तार से बताया कि परमेश्वर की आराधना कैसे करनी चाहिए। तब स्त्री ने कहा, मैं जानती हूं कि मसीह (ख्रिस्त) जो मसीह कहलाता है, आनेवाला है। आकर हमें सब बातें बताएगा। तब प्रभु यीशु ने जवाब में सामरी स्त्री से क्या कहा, यह जानने के लिए इस बचन को देखें; (यूहन्ना ४:२६) इस बचन में प्रभु यीशु सामरी महिलाओं को बताना चाहते थे कि वे किस मसीहा (ख्रिस्त) की प्रतीक्षा कर रहे हैं वह मैं ही हूं।
इस वचनमें इसका मतलब है कि यहां प्रभु यीशु परमेश्वर होने की घोषणा कर रहे हैं।
यीशु मसीहा होने पर यहूदियों की आपत्ति
एक दिन जब यहूदी प्रभु यीशु से वाद-विवाद कर रहे थे, तब यहूदियों ने प्रभु यीशु से पूछा; क्या तू हमारे पिता अब्राहम से भी बड़ा है? वह मर गया। तो, तुम अपने बारे में क्या कहते? (यूहन्ना 8:53)। जवाब में प्रभु यीशु मसीह ने क्या कहा, इस वचन को देखें; (यूहन्ना 8:56-57)। इस वचन में प्रभु यीशु मसीह ने यहूदियों को स्पष्ट रूप से बताया, कि मैं वही हूं जिसे अब्राहम ने देखा था। मैं हूं। अब्राहम मुझे देखकर बहुत खुश हुआ। यहूदियों ने यीशु की इस बात को सुनकर उत्तर दिया, यह कैसे हो सकता है कि तुम 50 वर्ष के भी न हो, और तुम ने अब्राहम को देखा हो! यीशु ने यहूदियों को साफ-साफ बताया अब्राहम से पहले मैं हूँ। यह आयत (यूहन्ना 8:58) बताती है कि यीशु परमेश्वर थे (That Jesus was God).
यीशु मसीह परमेश्वर क्यों है 6वजार
- यीशु में परमेश्वर के गुण
- यीशु को परमेश्वर के स्वरूप में आराधना उपासना की जाती
- यीशु में परमेश्वर का अधिकार
- यीशु अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी करते हैं
- पुत्र (यीशु) परमेश्वर है
- यीशु सृष्टिकर्ता है
यीशु में परमेश्वर का व्यक्तित्व (गुण) था; यीशु हमेशा रहेंगे; (यूहन्ना १:१; 1: 14) इस वचन में “था” शब्द एक अपूर्ण अवधि को दर्शाता है, जो निरंतर अस्तित्व को दर्शाता है। यानी समय,स्थान, ब्रह्मांड, अस्तित्व आने से पहले। यह वचन स्पष्ट रूप से बताता है कि यीशु शरीर धारण परमेश्वर हैं। अर्थात् इस वचन से यह सिद्ध होता है कि यीशु ही परमेश्वर था (Yes Jesus was God).
यीशु को परमेश्वर के स्वरूप में आराधना (उपासना); हम बाइबल की पुराने नियम में देखते हैं कि सिर्फ परमेश्वर को ही आराधना या उपासना की जाती है (निर्गमन 20:5, 34:14; लैव्यव्यवस्था 26:1)। लेकिन नए नियम मैं ठीक वैसे ही यीशु मसीह को आराधना या उपासना की गई है, यह यीशु मसीह ने स्वीकार की है जैसे (मंत्री 8:2, 9:18, 15:25, 28:9,17; यूहन्ना 9:38)। थोमा ने यीशु को परमेश्वर के रूप में स्वीकारा। थोमा की विश्वास की घटना के बारे में शायद हम सभी जानते हैं, हम जहां देखते हैं, थोमा उस पर कभी विश्वास नहीं करता जब तक कि वह अपनी आंखों से न देख ले। थोमा ने यीशु को जिंदा देखा और विश्वास किया, और देखकर थोमा ने यीशु से कहा; “मेरे परमेश्वर!” (यूहन्ना २८:२८)।
यीशु में परमेश्वर का अधिकार हैं; यीशु मसीह पाप क्षमा कर सकते हैं; (मत्ती 9:2, मरकुस 2:5, लूका 5:20, 7:48)। पुराने नियम में सिर्फ परमेश्वर ही मनुष्य का पाप क्षमा कर सकती है; (यशायाह 43:25; यिर्मयाह 31:34, 50:20, यहेजकेल 33:16)। इसके अलावा यीशु ने स्वयं लगातार परमेश्वर की अधिकार में कहा, जैसे कि मैं – तुमसे सच-सच कहता हूं।
यीशु अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी करते हैं; यीशु ने अपनी मृत्यु के बारे में भविष्यवाणियाँ की, और पूरी कीं। पूरी करके साबित किया कि वह परमेश्वर था (Jesus was God)। खुद की मृत्यु के कुछ भविष्यवाणी वचन; (मत्ती 16:21, मरकुस 8:31, लूका 9:22, यूहन्ना 2:19, लूका 18:33-34)। आप बताइये, कोई भी आदमी खुद मृत्यु होगी? क्यों होगी? मृत्यु कहाँ होगी? क्या कोई ये बता सकता है? हरगिज नहीं। यदि वह परमेश्वर नहीं था, तो वह अपनी मृत्यु की सटीक भविष्यवाणी कैसे कर सकता था? प्रभु यीशु के मुख से निकले वचनों से यह सिद्ध होता है कि वे ही परमेश्वर हैं/था।
पुत्र (यीशु) परमेश्वर है; (इब्रानियों 1;8) यह एक परिपक्व प्रमाण है, जहाँ परमपिता परमेश्वर अपने पुत्र को “परमेश्वर” कहकर संबोधित करता है। यह पुराने नियम का उद्धृत है; (भजन संहिता ४५:७)।
यीशु सृष्टिकर्ता; बाइबल स्पष्ट रूप से कहती है कि यीशु ही सृष्टिकर्ता हैं। जैसा कि इन सभी वचन में है पुष्टि होती है; (यूहन्ना 1:3, 1 कुरिन्थियों 8:6, कुलुस्सियों 1:15-16, इब्रानियों 1:2)। ऐसे कई वचन हैं जो साबित करते हैं कि यीशु परमेश्वर था। लेकिन आलोचक इन वचनों से संतुष्ट नहीं हैं। लेकिन एक मसीही के लिए आपको यह विश्वास करना होगा कि यीशु परमेश्वर था। यीशु को परमेश्वर मानने से इनकार करना आपके संभावित उद्धार पर प्रश्नचिह्न लगाता है, यानी आपका उद्धार शायद अभी भी नहीं हुआ है। जब आप का उद्धार नहीं हुआ है तो आप स्वर्ग भी नहीं जा सकते, जैसा कि यह बचन कहती है; (यूहन्ना 8:24)। आलोचक चिल्लाते हैं कि, नहीं नहीं यीशु कोई परमेश्वर नहीं हैं।
निष्कर्ष: पूरे पाठ से हम जाना हैं कि, यानी बाइबल स्पष्ट रूप से क्या कहती है; यीशु परमेश्वर था, या है।
परमेश्वर सबको आशीष करें।