शादी से पहले शारीरिक संबंध के बारे में बाइबल क्या कहती है?
sex before marriage: इस विषय पर दो भागों में चर्चा की गई है। हम जानते हैं कि कई मसीहियों को इस विषय पर कड़वाहट महसूस हो सकती है। कुछ मसीही लोग तो ये भी कहेंगे कि आप कौन होते हैं दूसरों को आंकने वाले? ऐसे लोगों को हम क्या कहें? जो लोग शिक्षा देना और न्याय करने में अंतर नहीं समझते। उन मसीही लोगोंको और क्या कहा जा सकता है! हाँ, ऐसे लोग बकबक करते रहेंगे उन्हें चुप कराया जा सकता है क्या! नहीं ना! उन लोगों की भाषा बाइबल के वचन को दिखाकर सत्य के माध्यम से काबू लाया जा सकता है। यदि, वह व्यक्ति बाइबल के माध्यम से कारण को समझाने की कोशिश करता है। आज का विषय वास्तव में हमारे प्रत्येक मसिही भाई-बहनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आमतौर पर इसका प्रभाव हमारे मसिही युवक-युवतियों पर अधिक पड़ता है। आज के समाज ने शादी से पहले शारीरिक
संबंधों को इतना महत्व नहीं देता है, जैसा परमेश्वर देता था। आज के समाज तो यह मान लिया है कि शादी से पहले शारीरिक संबंधों (sex before marriage) बनाना ठीक है यानी यह सब चलेगा। इसमें बुराई कुछ नहीं है।
शारीरिक संबंध की परिभाषा क्या है?
संक्षेप में, यह हे कि शरीर की आशाएं-इच्छाएंइच है, यानी विपरीत लिंग की जरूरतों को पूरा करने की इच्छा को ही शारीरिक संबंध कहा जाता है। शारीरिक संबंध आमतौर पर दो लोगों के बीच यौन संपर्क को संदर्भित करता है। आप अच्छी तरह से जानते हैं कि रिश्ता हाथ पकड़ के शुरू होता है और कहां तक जाती है वह आपको अच्छे से पता है।
Sex before Marriage (शादी से पहले शारीरिक संबंध)
अब हम देखेंगे वचन शादी से पहले शारीरिक संबंधों के बारे में क्या कहता है! (1 तीमुथियुस 4:12 IRVHIN, तीतुस 2:15)। वचन स्पष्ट रूप से कहता है कि हमारे शरीर को पवित्र किया जाना चाहिए। विवाह से पहले किसी को भी इस पवित्र शरीर का तिरस्कार न करने दें। यदि आप पुरुष हैं तो आपको जो भविष्य में आने वाले पत्नी दिल के लिए आपका शरीर पवित्र होना चाहिए। पिक वैसे ही अगर आप महिला हैं तो आपको अपने होने वाले पति के लिए अपने शरीर को शुद्ध रखना चाहिए। पति-पत्नी के लिए परमेश्वर जो शरीर दिया है, उसे पवित्र रखना है। परमेश्वर के दिए हुए पवित्र शरीर को किसी गर्लफ्रेंड – बॉयफ्रेंड द्वारा तिरस्कार नहीं करना चाहिए। यहां कई मसीही बहुत सारे सवाल कर सकते हैं, इस विषय के बारे में पहले से ही पोस्ट है। फिर भी हम संक्षेप में स्पष्ट करना चाहते हैं कि, ये सभी तर्क
शैतान के हैं, मसीही होते हुए भी वे समझना नहीं चाहते, इसका कारण क्या है! इसका कारण यह है कि वे लोग अभी भी पाप में हैं। जब ख़ुदा अपने भविष्यद्वक्ता, प्रेरित और चेलों के ज़रिए मना कर रहा है तो फिर यह क्या है कि अगर मैं उससे शादी कर लूं, तो उससे शारीरिक संबंध क्यों नहीं बना सकती!
जब परमेश्वर अपने वचन में कुछ मना करता है, तो उसका पालन करना चाहिए। हमें किसी भी प्रकार से परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना चाहिए और यही सत्य है। अन्यथा वह व्यभिचार में गीना जाता है। परमेश्वर शारीरिक संबंध के खिलाफ नहीं है, बल्कि परमेश्वर ने शारीरिक संबंध को आशीर्वाद दिया है। परमेश्वर, चाहते हैं कि हर कोई उस यौन क्रिया, यानी सेक्स का आनंद ले, और उनके राज्य के लिए बच्चे पैदा करे, इसलिए परमेश्वर ने पहले मनुष्य आदम और हव्वा, यानी पति और पत्नी को आशीर्वाद दिया, जैसा कि वचन में स्पष्ट रूप से कहा गया है; (उत्पत्ति 1:28) परमेश्वर ने शारीरिक संबंधों को एक सीमा के भीतर, यानी विवाह के भीतर रखा है। शादी से पहले या शादी के बाद शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। इसलिए परमेश्वर विवाह को बहुत महत्व दिया है, जैसा वचन कहता है; (इब्रानियों 13:4)। शादी कोई बच्चों का खेल नहीं है,
उस विवाह के माध्यम से दो लोग एक हो जाते हैं यानी पति-पत्नी एक हो जाते हैं। जिसके माध्यम से परमेश्वर के राज्य के लिए एक परिवार बनता है। परमेश्वर चाहते हैं कि बिछौना यानी बिस्तर जिसे आम बोलचाल की भाषा में सुहागरात का बिस्तर का घर कहा जा सके। जब परमेश्वर द्वारा चुने गए दो युगल पहली बार उस बिस्तर पर एक साथ आते हैं, तो वह पवित्र, शुद्ध, निष्कलंक होना चाहिए।
यहां यह फिर से समझना महत्वपूर्ण है कि आप सांसारिक दृष्टि से आकलन करने नहीं लग जाए कि बिछौना को ही वचन संबंधित कर रहा है। आप लोगों को स्पष्ट कर देना चाहेंगे कि वचन केवल बिछौना संबंधित नहीं कर रहा है। परमेश्वर की दो युगल की तुलना एक बिछौना से की तुलना की गई है। वैसे तो संसार की दृष्टि से देखेंगे तो वह बिछौना पवित्र ही रहती है। देखिये अगर आप अपनी इच्छा यानि कामुकता/वासना पर काबू नहीं रख सकते तो बेहतर होगा कि आप शादी कर लें। फिर भी शादी से पहले किसी भी तरह से शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। पौलुस ने इसे अपने पत्र में बहुत खूबसूरती से समझाया, जैसा कि इस वचन में कहता है; (1 कुरिन्थियों 7:9)। मसीही भाई-बहनों को शादी से पहले शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। पौलुस मसीही विश्वासियों को सलाह देते हैं कि वे शारीरिक संबंधों में व्यभिचार न करें।
जैसा कि वचन में कहा गया है; (1 कुरिन्थियों 7:2)। पौलुस कहते है कि मसीही व्यभिचार नहीं करे, इसके लिए मसीहीयों को विवाह करने का सलाह दे रहे हैं। विवाह के भीतर शारीरिक संबंध या यौन कृत्य को पवित्र कहा गया है। लेकिन विवाह के बाहर शारीरिक संबंध में शामिल होना व्यभिचार या पाप है, इसलिए बाइबल बार-बार कहती है कि इस व्यभिचार से दूर रहें जैसे; (2 तिम 2:22, 1 कुर 6:13, 1 कुर 6: 18 )। अतः sex before marriage (शादी से पहले) किसी भी तरह से शारीरिक संबंध नहीं करना चाहिए।